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अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से की बातचीत, पहलगाम आतंकी हमले से लेकर पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष तक के मुद्दों पर हुई चर्चा

  भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते और उसके बाद पाकिस्तान द्वारा इसके उल्लंघन की खबरों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शनिवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की।

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और चीन के बीच यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता है। पिछले एक पखवाड़े में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए डोभाल दुनिया के सभी प्रमुख देशों के नेताओं से बात कर चुके हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, एनएसए डोभाल ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जानकारी दी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बारे में भी बताया।

डोभाल ने कहा कि युद्ध भारत की इच्छा नहीं है
चीन के मुताबिक एनएसए डोभाल ने कहा कि युद्ध भारत की इच्छा नहीं है और इससे किसी को कोई फायदा नहीं है। भारत और पाकिस्तान युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने आशा व्यक्त की कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता शीघ्र ही स्थापित हो जाएगी। इस बीच, वांग यी ने पहलगाम हमले की निंदा की।

उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता को देखते हुए दक्षिण एशिया में मौजूदा शांति को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिए।

चीन इसमें दोनों देशों की मदद करेगा।
चीन ने आशा व्यक्त की कि भारत और पाकिस्तान दीर्घकालिक युद्धविराम बनाए रखने के लिए संयम बरतेंगे तथा बातचीत के माध्यम से विवादों का समाधान करेंगे। चीन इसमें दोनों देशों की मदद करेगा।

चीन ने कहा- हम पाकिस्तान के साथ हैं
इस्लामाबाद से पीटीआई के अनुसार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा में दृढ़ता से उसका समर्थन करेगा।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि चीनी विदेश मंत्री ने उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं।

चीन हर दृष्टि से पाकिस्तान का रणनीतिक सहयोगी है।
बातचीत के दौरान डार ने वांग यी को क्षेत्रीय क्षेत्र की नवीनतम स्थिति से अवगत कराया। वांग ने पाकिस्तान के संयम की प्रशंसा की। विदेश कार्यालय के अनुसार, वांग ने दोहराया कि चीन सभी मामलों में पाकिस्तान का रणनीतिक साझेदार है और वह अपना समर्थन अटल रखेगा।
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