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'हमें PoK वापस चाहिए...', युद्धवीरों ने संघर्ष विराम का किया विरोध, कहा- बदला लेने का यही सही समय

  पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पर ड्रोन हमले और गोलाबारी जारी रखकर अपने नापाक इरादे जाहिर कर दिए हैं। युद्ध नायकों का मानना ​​है कि युद्ध विराम के बाद भी जम्मू में जारी हमले इस बात का सबूत हैं कि पाकिस्तान में कुछ ठीक नहीं है। सरकार और सेना के बीच कोई समन्वय नहीं है।

'हमें पीओके वापस चाहिए'

पाकिस्तान के साथ लड़े गए युद्धों के नायक, सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी पाकिस्तान से युद्ध विराम नहीं चाहते, बल्कि कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (पीओके) वापस चाहते हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तानी सेना स्थिति बिगाड़ने से कभी पीछे नहीं हटेगी। समय से पहले हुए युद्ध विराम के कारण आज जम्मू-कश्मीर (पीओके) उनके नियंत्रण में है।

युद्ध विराम के बाद भी राज्य के कई हिस्सों में पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए ड्रोन अच्छे संकेत नहीं हैं। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा का कहना है कि पाकिस्तान से बदला लेने का यह सही समय है, जो 1947 से जम्मू-कश्मीर में कहर बरपा रहा है। पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट का इतिहास रहा है।


'पाकिस्तान ने हमें कई बार धोखा दिया है'

पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के कारण जम्मू-कश्मीर में हालात बिगड़ रहे हैं। पाकिस्तान एक चालाक देश है जिसने एक बार नहीं बल्कि कई बार विश्वासघात किया है। वीर चक्र विजेता सेवानिवृत्त कर्नल वीरेंद्र साही का कहना है कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के लिए हमने पाकिस्तान को अच्छी सजा दी है, लेकिन हमारा बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है।

यहां तक ​​कि 1947 के युद्ध के दौरान भी हमने समय से पहले युद्ध विराम की घोषणा कर दी थी। इस कारण आज यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के नियंत्रण में है। अब यदि हमने युद्ध विराम के स्थान पर कोई बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास किया होता तो हम कब्जे वाले कश्मीर को वापस ले सकते थे।
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