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ट्रंप का टैरिफ भारतीय किसानों के लिए आफत, लेकिन पाकिस्तान के लिए खुशी; जानिए इससे पड़ोसी देश का खजाना कैसे भरेगा

  
  
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  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय बासमती चावल पर पहले से लागू 25% पारस्परिक शुल्क के अतिरिक्त 25% का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। इसके कारण अब कुल कर 50% हो गया है। इस फैसले से अमेरिका में भारतीय बासमती चावल महंगा हो जाएगा और इसका फायदा पाकिस्तान को होगा, क्योंकि वहां से आने वाले बासमती चावल पर केवल 19% शुल्क लगता है। अमेरिकी बाजार में बासमती चावल की कुल मांग लगभग 5 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से भारत 3 लाख मीट्रिक टन (लगभग 35 करोड़ डॉलर मूल्य का) निर्यात करता है। जबकि पाकिस्तान 1.8 मीट्रिक टन भेजता है। नए कर की लागत क्या होगी? वर्तमान में, भारतीय बासमती की औसत कीमत 1200 डॉलर प्रति मीट्रिक टन है। हालाँकि, नए कर के बाद यह बढ़कर 1800 डॉलर हो जाएगी, जबकि पाकिस्तानी बासमती 1450 डॉलर प्रति टन पर उपलब्ध होगी। पंजाब भारत का सबसे बड़ा बासमती चावल उत्पादक राज्य है, जो कुल उत्पादन में 40% का योगदान देता है। इसके बाद हरियाणा और अन्य राज्यों का स्थान आता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, भारत ने 59.42 लाख मीट्रिक टन निर्यात किया, जिसमें अमेरिका का हिस्सा लगभग 3 लाख मीट्रिक टन था। नए टैरिफ से भारत की अमेरिकी बाजार हिस्सेदारी 50% से 80% तक कम हो सकती है। पंजाब में कितनी बासमती की खेती होती है? पंजाब में बासमती की खेती 2015-16 के 7.63 लाख हेक्टेयर से घटकर 2024-25 में 6.39 लाख हेक्टेयर रह गई है। पिछले साल बासमती का भाव 4500 रुपये प्रति क्विंटल था, जो घटकर 3500-3600 रुपये रह गया है। अगर हालात ऐसे ही खराब रहे, तो यह और गिरकर 3000 रुपये तक आ सकता है। कौन से राज्यों के किसानों पर पड़ेगा असर? निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका में मांग कम होने से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खरीद मूल्य गिरेंगे। इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ेगा। स्थानीय थोक बाज़ार में भी दाम 71 रुपये प्रति किलो से घटकर 62 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। खुदरा दाम भी कम हो सकते हैं।
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