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क्या शाहबाज़ ने आसिम मुनीर को फ़ील्ड मार्शल बनाकर ग़लती की? पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका, जा सकती है राष्ट्रपति ज़रदारी की कुर्सी

  पाकिस्तानी राजनीति में एक बार फिर हलचल मची हुई है। देश की सेना और राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर कोई बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को हटाकर सत्ता की बागडोर संभाल सकते हैं, लेकिन क्या पाकिस्तान एक और सैन्य तख्तापलट की कगार पर है? पिछले कुछ हफ़्तों में ऐसी कई घटनाएँ घटी हैं, जिन्होंने इन अफवाहों को और हवा दी है। देश के माहौल में तनाव और राजनीतिक बयानबाजी ने इन चर्चाओं को और तेज़ कर दिया है। इस राजनीतिक तूफ़ान का सच क्या है, क्या भारत का पड़ोसी देश एक बार फिर सत्ता के नए दौर में कदम रखने जा रहा है?

डोनाल्ड ट्रंप ने मुनीर से की मुलाकात, शाहबाज़ को छोड़ा साथ

पाकिस्तानी सरकार ने मई में एक चौंकाने वाला फ़ैसला लिया। जनरल आसिम मुनीर को फ़ील्ड मार्शल का पद दिया गया। पाकिस्तान के इतिहास में यह दूसरी बार है, जब किसी सैन्य अधिकारी को यह पद दिया गया है। इससे पहले, जनरल अयूब खान ने 1959 में खुद को फील्ड मार्शल बनाया था। उस समय पाकिस्तान की सत्ता सेना के हाथों में थी।

मुनीर की पदोन्नति पर सवाल उठे थे। यह घोषणा भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हुई थी। जून में, जनरल मुनीर अमेरिका गए और वहाँ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले। यह मुलाकात अपने आप में अनोखी थी क्योंकि यह पहली बार था जब किसी पाकिस्तानी अधिकारी को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया था।

इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह मुलाकात मुनीर की बढ़ती ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति का सबूत है। इसके बाद, यह अटकलें तेज़ हो गईं कि मुनीर सत्ता को उखाड़ फेंक सकते हैं।

क्या मुनीर चीन छोड़कर अमेरिका के पक्ष में चले गए?

पाकिस्तानी पत्रकार एजाज सईद ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी को हटाने की कोशिशें तेज़ हो रही हैं। कई लोग चाहते हैं कि जरदारी खुद इस्तीफा दे दें। इसीलिए राजनीतिक जोड़-तोड़ शुरू हो गई है।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी ऐसी ही खबरें वायरल हो रही हैं। एक यूजर ने लिखा, "सूत्रों का कहना है कि मुनीर ज़रदारी के खिलाफ 'चुपचाप तख्तापलट' की योजना बना रहे हैं। ज़रदारी ताइवान पर चीन का समर्थन करते हैं, जबकि मुनीर का अमेरिका के साथ एक गुप्त समझौता है। उनका मकसद सीपीईसी को खत्म करना है, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।"

पाकिस्तानी राजनीति में यह उथल-पुथल कोई नई बात नहीं है। देश का अतीत तख्तापलट और राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा है, लेकिन मौजूदा हालात में जनरल मुनीर का उदय, उनकी अमेरिका यात्रा और बिलावल के बयानों ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
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