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कनाडा-भारत संबंधों की गाड़ी पटरी पर आएगी! जयशंकर ने कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद से बात कर दिए संकेत

  भारत और कनाडा के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद के बीच सकारात्मक बातचीत हुई, जो फरवरी 2024 के बाद पहली बार हुई। दोनों ने आर्थिक सहयोग और भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना है। जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से फोन पर बात की।

भारत और कनाडा के बीच लगभग दो वर्षों से संबंधों में जारी गिरावट अब थमने लगी है और उम्मीद है कि दोनों ओर से संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास जल्द ही शुरू हो जाएंगे।


विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद के बीच रविवार देर रात टेलीफोन पर बातचीत हुई। कहा जा रहा है कि यह चर्चा काफी सकारात्मक रही। फरवरी 2024 के बाद यह पहली बार है जब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई है।

दोनों विदेश मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग पर चर्चा की।
कनाडा में हाल ही में हुए चुनावों के बाद मार्क कार्नी के नेतृत्व में एक नई सरकार का गठन हुआ है। नई सरकार ने अभी तक कोई भी भारत विरोधी बयान नहीं दिया है, जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान हुआ था। भारत में इसे नई सरकार के भारत के प्रति रवैये में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

जिस तरह से दोनों विदेश मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग पर चर्चा की, उससे यह भी पता चलता है कि दोनों सरकारों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत संभवतः फिर से शुरू हो सकती है।

जयशंकर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी।
अनीता आनंद से बात करने के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं कनाडा के विदेश मंत्री के साथ बातचीत की सराहना करता हूं। हमने भारत-कनाडा संबंधों की भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। मैं उनके सफल कार्यकाल की कामना करता हूं।" इसके बाद विदेश मंत्री आनंद ने सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,

भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने, आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और साझा प्राथमिकताओं पर उत्कृष्ट चर्चा के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर को धन्यवाद। मैं भविष्य में आपके साथ काम करने की आशा करता हूँ।

आनंद ने जिस तरह से आर्थिक सहयोग की बात की है, उसे भारत में काफी उत्साहजनक माना जा रहा है। दरअसल, 2023 में संबंधों में गिरावट से पहले दोनों देशों के बीच एफटीए को लेकर बातचीत चल रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारतीय सरकारी एजेंसियों पर कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। इससे भारत में बहुत तीव्र प्रतिक्रिया हुई। बाद में, कनाडा ने मीडिया को यह जानकारी लीक कर दी कि भारत के शीर्ष नेतृत्व ने हत्या को मंजूरी दे दी थी।

हालाँकि, आज तक कनाडा द्वारा एक भी सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक-दूसरे के उच्चायुक्तों को निष्कासित कर दिया। उच्चायोगों की संख्या कम कर दी गई। ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान कनाडा में खालिस्तान समर्थक समूहों को काफी स्वतंत्रता दी गई थी। भारत के बार-बार विरोध के बावजूद इसे रोका नहीं गया।

भारतीय राजनयिकों को जान से मारने की खुली धमकियां भी दी गईं। भारत का कहना है कि ट्रूडो ने अपने राजनीतिक हितों के लिए भारत के साथ संबंध खराब कर लिए।

ऐसी स्थिति में एफटीए वार्ता स्थगित कर दी गई। इस बीच, अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ और राष्ट्रपति ट्रम्प ने कनाडा के साथ आर्थिक संबंधों पर कई प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए। कनाडा को 51वां राज्य बनाने संबंधी राष्ट्रपति ट्रम्प का बयान भी कनाडा के लिए काफी अप्रिय रहा है। ऐसे में कनाडा सरकार भारत के साथ आर्थिक संबंधों को प्राथमिकता देने पर विचार कर रही है।
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