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दिल्ली सेवा विवाद: दिल्ली सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ी याचिका पर SC में होगी सुनवाई! कोर्ट ने कहा- हम विचार करेंगे

  नई दिल्ली: दिल्ली की 'आप' सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिली है. अदालत ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में शासकीय सेवाओं में निर्वाचित प्रणाली पर उपराज्यपाल की सर्वोच्चता स्थापित करने वाले केंद्र सरकार के कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। अदालत ने कहा कि वह मामले को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष आप सरकार की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि पूरा प्रशासन ठप हो गया है और मामले की सुनवाई की जरूरत है।

सीजेआई ने कहा कि मामला फिलहाल नौ जजों की बेंच में चल रहा है और वे इस दलील पर विचार करेंगे.

पीठ फिलहाल इस मामले की सुनवाई कर रही है

सीजेआई की अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की पीठ वर्तमान में इस याचिका पर सुनवाई कर रही है कि क्या निजी संपत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत "समुदाय के भौतिक संसाधन" माना जा सकता है, जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में से एक है

शीर्ष अदालत ने पहले केंद्र के 19 मई के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेज दिया था, जिसमें शहर के शासन के कई पहलुओं पर दिल्ली सरकार के अधिकार का दावा किया गया था। बाद में इस मुद्दे पर अध्यादेश से केंद्रीय कानून लाया गया.
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